लगता है हमारे देश के इन सफ़ेदपोश तथाकथित राष्ट्रभक्तों का ध्यान ही इस बात की ओर नहीं जाता जोकि उन्हें यह ज्ञान दे सके कि देश की अर्थव्यवस्था को नुंकसान पहुंचाने वाले चक्का जाम जैसे प्रदर्शन करने के अतिरिक्त अपना विरोध दर्ज करने के कोई और उपाय तलाश करें ताकि देश के विकास का पहिया भी अपनी निर्धारित रफ्तार से घूमता रहे एवं प्रदर्शनकारियों के विरोध प्रदर्शन के स्वर भी लोकतांत्रिक एवं अहिंसक तरीक़े से बुलंद होते रहें।